SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

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दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

Young children suffering from medical problems really should be created to possibly recite or hear Shiva Chalisa. Parents might also recite the Chalisa on their own little one’s behalf. Nevertheless, they must pronounce the child’s whole name, rasi (moon indicator), and Nakshatra ahead of the Shiva Chalisa.

नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

स्वामी एक more info है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

संकट में पूछत नहिं कोई ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी ।

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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